सोमवार, 30 जनवरी 2012

11. मैं अनुभवी हो गया हूँ


11-

मैं अनुभवी हो गया हूँ 
मेरे भाग्य उनके अभाग्य 
मेरे लिए 
मैं अपराधी वे निर्दोष 
उनके लिए 
होनी को रख ताख पे 
थोप मुझ पे 
घटना का सारा दोष 
कोसा है उन्होंने जी भर 
कहा तुम दोस्त हो 
दुश्मन से भी बदत्तर हो 
वक्त पड़ा साथ का 
तो कुंए में धकेलते हो 
छिः
   तुम पर लानत है 
थूः
शिक्षित युवक  हो
लगते पर चोथू हो 
कहा उनको 
शिक्षित हूँ 
व्यवहारिक नहीं 
मत बोलो कुछ 
किया जानबूझकर है 
    कहा उन्होंने 
खैर वक्त पर संभल गया हूँ 
धिक्कारा पहले अपने को 
पर नहीं 
अब में अनुभवी हो गया हूँ ! 


सुधीर कुमार ' सवेरा '            ०८-०२-१९८०

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