बुधवार, 18 जुलाई 2012

90 .कितने सितारे फना हो जाते हैं आसमान में

90. 

कितने सितारे फना हो जाते हैं आसमान में
जलकर राख हो जाते हैं धरा के चाहत में 
कुत्ते भुंका करते हैं गलियों में 
सियार रात ही में 
शेर दहाड़ा करते जंगल ही में 
जिन्दगी तुझे तो यूँ जीना न था 
प्यार मुझसे करके नाता तो यूँ तोड़ना न था 
ऐसी तो तेरी चाहत न थी 
जिन्दगी ये तेरी 
कैसी है मज़बूरी 
मुक्कदर में ये तेरी 
कैसी है ये बदनसिबी 
छोड़कर भी मुझे तुमको यूँ भूलना न था 
खुद को मारकर तो तुम्हें यूँ जीना न था  
सच से मुँह छिपा कर तुमको तो यूँ जीना न था 
मुझसे तुम्हें प्यार नहीं खुद से यूँ कहना न था 
जब तुम में ये साहस जगेगा 
झूठ का नकाब फाड़कर
तुमको रौशनी से यूँ मुँह मोड़ना न था !

सुधीर कुमार ' सवेरा ' 13-02-1984   5-30 pm  

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