सोमवार, 29 सितंबर 2014

299 .उन्होंने फिर वादा मिलने का किया है !

२ ९ ९ 
उन्होंने फिर वादा मिलने का किया है !
मानी अभी कुछ और दिन जीना है !!

सोंचा था दुनियाँ को कहना अपना फ़साना !
दुनियाँ खुद अफ़साना , अफ़साने को क्या कहना !!

क्या - क्या न खिदमत की दिल मेरा लेने से पहले !
किस कदर फेर ली आँखे ,
मतलब निकल जाने के बाद !!

किसी के मौत पे भी न बहे थे आँसू कभी !
आज किसी के याद में परवरदिगार रोता हूँ मैं !!

कैसे लिपटे थे आप पहली मुलाकात में !
शायद भूल गए ,
प्यार का वो पहला इजहार अब तक है मुझे याद !!

ऐ दिल उनके बातों पे ऐतबार न रख ,
भूल कर भी उनसे प्यार न रख,
वो क़यामत तलक न आयेंगे ,
उनके आने का इंतजार न कर !

सुधीर कुमार ' सवेरा ' 

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