शनिवार, 11 अक्तूबर 2014

310 . खोटी हो तृप्ति

310 .


खोटी हो तृप्ति 

हो जाती है मंद बुद्धि 

हो जाते दरवाजे सब बंद 

ज्यों अशुद्ध हों सरस्वती के छंद |


सुधीर कुमार ' सवेरा ' २५ - ०६ - १९८४

कोलकाता ६.०० pm 


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