सोमवार, 19 जनवरी 2015

370 .वो तारीख इबादत की बनी

३७० 
वो तारीख इबादत की बनी 
पैदा लिया जब 
शक्ति का प्रकाश 
इस देश में 
दिन वो १७ नवम्बर १९१७ का था 
बन विश्व का प्रकाशस्रोत 
थामी थी १९६६ में जो मशाल 
बुझा दिया जालिम हाथों ने उसे आज 
मात्र १६ वर्षों के शासन में 
उसने दिए अनगिनत उपहार 
अर्पण करता हूँ उसे 
मैं अपने श्रद्धा सुमन का उपहार 
विश्व में शांति सद्भावना 
देश की एकता का ही 
था जिसका लक्ष्य महान 
अर्पण है उसे शत शत नमन 
सच जैसा उसने कहा 
काम आयी उसके खून की एक - एक बूँद 
देश सदा उनका कर्जदार रहेगा 
ऋण कभी उसका चूका न पायेगा 
हा ! आकाश आज सुना 
सूरज ने मौन साध ली हो जैसे 
हा ! चंदा रातों का उजाला 
किस अज्ञात गर्भ में समां गया 
क्षीण तारों से भरे आकाश में 
बंधेगी भला कैसी आशा 
तूँ हुई अमर 
सदा जग में ऊँचा रहेगा तेरा नाम 
इंद्रा तुझे शत शत प्रणाम !

सुधीर कुमार ' सवेरा ' ०१ - ११ - १९८४ 
१ - २० pm 

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