बुधवार, 15 अप्रैल 2015

446 . पूछा एक रोज मैंने शैतान से

४४६ 
पूछा एक रोज मैंने शैतान से 
पाते क्या हो तुम इंसान से 
क्यों देते हो लोगों को पतन 
पाते हो भला कैसे उनका तन 
शैतान बोला प्रसन्न मन 
त्याग , परोपकार , अच्छाई में 
लगता नहीं जिनका मन 
करते जब वो मेरा आवाहन 
खुश हो जाते पाकर झूठा आश्वासन 
तभी तो पा जाता मैं उनका तन !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

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