शुक्रवार, 15 मई 2015

482 . मेरी दुर्बलताएँ अनंत हैं

४८२ 
मेरी दुर्बलताएँ अनंत हैं 
पर उसकी करुणा का कहाँ अंत है ?
मेरी गलतियों का छोड़ नहीं 
पर उसकी दया का कहाँ ठौर है !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

कोई टिप्पणी नहीं: