गुरुवार, 28 मई 2015

496 . घटना ?

४९६ 
घटना ?
एक क्रिया 
एक प्रारब्ध 
एक होनी 
प्रत्येक घटना के पीछे 
कितने तथ्य हैं छुपे हुए 
पर हम क्या सभी जान पाते ?
संभव ही नहीं है 
अपने - अपने दृष्टिकोण के 
हम सभी कायल हैं 
अपने प्रकृति के हम गुलाम हैं 
गुलामी हमें प्यारी है शायद ?
हम उसे सारी शक्ति से दबोचे रखते हैं 
और चिल्लाना शुरू करते हैं 
अपने अल्पग्यता के अहंकार पर 
मैं समझ गया 
किस घटना से क्या जुड़ा है 
अर्ध स्वतंत्रता की यह पहचान है 
स्वतंत्रता की अभिलाषा ही 
मर चुकी है शायद हमारी 
पर प्राण तो फूंकना पड़ेगा ही 
माँ को जगाना ही होगा 
अन्यथा वैसे ही हम 
अनुमान के वैशाखी पर 
चलते रह जायेंगे 
किसी मोटर से मरे कुत्ते को देख 
हम कहेंगे बेचारा मर गया 
वह कहेगा उसकी नियति 
किसी का नुकसान 
किसी का फायदा 
घटनाओं का है यही नतीजा 
दृष्टिकोण पे है ये आधारित 
घटना न होती अच्छी 
ना ही कोई बुरी 
घटना तो मात्र घटना है 
घटना को किसी से क्या लेना है ?
अपघटित कभी घटता नहीं 
घटित को तो घटित होना है 
घटना तो मात्र घटना है 
घटना को किसीसे क्या लेना है !

सुधीर कुमार ' सवेरा ' 

कोई टिप्पणी नहीं: