रविवार, 28 जून 2015

511 . भीड़ तो है पर बाजार नहीं

५११ 
भीड़ तो है पर बाजार नहीं 
खरीदार तो है पर दुकानदार नहीं 
सेठ तो है पर व्यवसाय नहीं 
सरकार तो है पर शासन नहीं 
राजनीति तो है पर नेता नहीं 
भ्रान्ति तो है पर क्रांति नहीं 
सत्ता तो है पर व्यवस्था नहीं 
शहर तो है पर शहरी नहीं 
तमाशा तो है पर तमाशाई नहीं 
रास्ता रोको अभियान है समाधान नहीं 
ईमानदार एसपी  का ट्रांसफर हो नहीं
इसलिए आज शहर बाजार खुले नहीं
स्वतंत्र देश में हो ऐसा अभियान नहीं 
तरीका बदलना होगा हम अब गुलाम नहीं !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

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