रविवार, 15 जनवरी 2017

664 .भगवति पद पंकज युग ध्यावति विधि हरिहर सुर राजे।


                                     ६६४
भगवति पद पंकज युग ध्यावति विधि हरिहर सुर राजे।जग पूजित सभ लोक विदित भेल साधन निज निज काजे।।
तुअ वर पाबि भेल अतिबल सुर भोगत निज निज काजे। 
अजय अमर भै कामरूप धै दिख दलि अति छवि छाजे।।तुअ बल पाबि चराचर मुनिगण महिमा अतुल विराजे। 
आगम निगम तंत्र मन्त्र मय नारि पुरुष तुअ साजे।।
आदिनाथ प्रति करिये दाया नहि तो हसत समाजे।।
कृपा युक्त भै पालिय निशिदिन नहि तो तोहरे लाजे।।
                                                                ( तत्रैव ) 

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