ADHURI KAVITA SMRITI
रविवार, 23 जून 2013
267 . उनके आंसू बहे थे
२ ६ ७ .
उनके आंसू बहे थे
उनके ख़ुशी के लिए
उनके ख़ुशी थे
मेरे आंसुओं के लिए
जब दर्द का साया मुझको आ घेरा
खुशियाँ हो गयी उनके लिए !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
० ४ - ० ६ - १ ९ ८ ४
१ ० - ० ० am राँची
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