ADHURI KAVITA SMRITI
सोमवार, 15 दिसंबर 2014
358 .सभी उत्तमता की ही
३५८
सभी उत्तमता की ही
रखा करते हैं आशा
ढूंढ लिया है शायद
सबों ने स्वर्ग का रास्ता
यही वजह है
मुंह के बल
गिर रहे हैं सभी
पता ही किंचित
गलत हो शायद
या हो वह गलत
जिसने भी
बतलाया हो यह रास्ता !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' ३१ - ०८ - १९८४
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