ADHURI KAVITA SMRITI
सोमवार, 23 मार्च 2015
421 .क्षागर का बलिदान
४२१
क्षागर का बलिदान
करने को उसका त्राण
विधि व्यवहार मैंने न जाना
बात बस एक ही माना
धरा ध्यान माँ काली का
किया जप उसके नाम का
बीच में बस भाव था
उधर क्षागर को मोक्ष था !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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