ADHURI KAVITA SMRITI
गुरुवार, 9 अप्रैल 2015
436 . सम्पूर्ण जगत माँ मय है
४३६
सम्पूर्ण जगत माँ मय है
मेरा अपना इसमें क्या ?
आकाश पृथ्वी सबमें तूँ
मुझको किसी से लेना क्या !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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