ADHURI KAVITA SMRITI
शनिवार, 18 अप्रैल 2015
449 . शून्य गुणक हो
४४९
शून्य गुणक हो
शून्य भाजक हो
शून्य ही होगा हाथ
अज्ञान से मिले अहंकार तो
होता है पूर्ण विस्तार
ऋण अज्ञान ऋण अहंकार
कोई न होगा बात !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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