ADHURI KAVITA SMRITI
शुक्रवार, 8 मई 2015
471 . एक दो तीन
४७१
एक दो तीन
हो रहा क्षीण
पर रहा बीन
ऐसे मधुर क्षण
मृत्युपरांत भी जो
बने रहेंगे अमृत कण !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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