ADHURI KAVITA SMRITI
शुक्रवार, 8 जुलाई 2016
568 . श्री गायत्री
श्री गायत्री
जय जय भगवती भीमा भवानी ! चारि वेदं अवतरु ब्रह्मवादिनी !
हरिहर ब्रह्मा पूछइत भमे एकओ न जान आदि तुम मरमे !!
भनई विद्यापति राए मुकुटमणि ! जित्नओ रूप नारायण नृपति धरणि !!
( प्राचीन गीत )
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