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गर पोंछ ही दिया आपने आज आँसू तो क्या ?
अब तो आँखों का जिंदगी भर का ये काम है !!
पता न था हमें हश्रे मोहब्बत !
भूल कर भी न लेते हम नामे मोहब्बत !!
आदमी - आदमी से प्यार करे थोड़ा है !
हमने तो पत्थर से भी प्यार किया है !!
जब तुम याद आये तो कुछ भी न रहा याद !
ना जाने तुमने कब भुलाया कब किया याद !!
आहें पुरदर्द से बचना आसान नहीं !
कह दो सबसे दिल लगाया करें नहीं !!
सुधीर कुमार ' सवेरा '
गर पोंछ ही दिया आपने आज आँसू तो क्या ?
अब तो आँखों का जिंदगी भर का ये काम है !!
पता न था हमें हश्रे मोहब्बत !
भूल कर भी न लेते हम नामे मोहब्बत !!
आदमी - आदमी से प्यार करे थोड़ा है !
हमने तो पत्थर से भी प्यार किया है !!
जब तुम याद आये तो कुछ भी न रहा याद !
ना जाने तुमने कब भुलाया कब किया याद !!
आहें पुरदर्द से बचना आसान नहीं !
कह दो सबसे दिल लगाया करें नहीं !!
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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