2.
मैं अनजान
मेरी राहें अनजान
सुबह से शाम होती
फिर भी न लेता कोई नाम
जिन्दगी की राह में
बस है एक तेरा ही नाम
कहा किसी ने तूं है चमन में
किसी ने न बताया तेरा धाम
जेहन में उभरा फिर एक ही नाम
तेरा ही नाम -तेरा ही नाम
व्यर्थ भटका जिधर - तिधर
थी बसी मेरी हर साँसों में
हर धड़कन लेता था नाम
तेरा ही नाम , तेरा ही नाम
यादों से दूर नहीं जाती है
हर आश से बंध जाती है
रचा - बसा है
बस एक ही नाम
तेरा नाम - तेरा नाम
राहें सुनी रुत अनजान
छायी बहारें लेते ही तेरा नाम
मैं अनजान
मेरी राहें अनजान
सुबह से शाम होती
फिर भी न लेता कोई नाम
जिन्दगी की राह में
बस है एक तेरा ही नाम
कहा किसी ने तूं है चमन में
किसी ने न बताया तेरा धाम
जेहन में उभरा फिर एक ही नाम
तेरा ही नाम -तेरा ही नाम
व्यर्थ भटका जिधर - तिधर
थी बसी मेरी हर साँसों में
हर धड़कन लेता था नाम
तेरा ही नाम , तेरा ही नाम
यादों से दूर नहीं जाती है
हर आश से बंध जाती है
रचा - बसा है
बस एक ही नाम
तेरा नाम - तेरा नाम
राहें सुनी रुत अनजान
छायी बहारें लेते ही तेरा नाम
सागर की मौजें मस्ती की लहरें
लेने लगी हिलोरें
लेकर तेरा ही नाम , तेरा ही नाम
बागों में गुंजन
गुंजन में तेरा नाम
झरने की झंकार
झंकार में तेरा नाम
अमृत रस पा जाता
जो भी लेता तेरा नाम
पथरीली ये राहें
और रास्ते वीरान
पर मंजिल पास चली आये
जो ले तेरा नाम ।
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 21-11-1980
लेने लगी हिलोरें
लेकर तेरा ही नाम , तेरा ही नाम
बागों में गुंजन
गुंजन में तेरा नाम
झरने की झंकार
झंकार में तेरा नाम
अमृत रस पा जाता
जो भी लेता तेरा नाम
पथरीली ये राहें
और रास्ते वीरान
पर मंजिल पास चली आये
जो ले तेरा नाम ।
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 21-11-1980
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