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लब पे आ गयी है बात जो
उसे ओठों से निकल ही जाने दो
घटा जब छा ही गयी है
तो उसे बरस ही जाने दो
बागों में बहार आ ही गयी है जो
तो बागों को महक लुटाने ही दो
चटख उठी हैं ये शोख कलियाँ
तो भौंरे को रस चूस ले ही जाने दो
उठ गयी है जो तूफान सागर में
तो किनारे को बहा ले जाने ही दो
कोयल कूक उठी है तो
पायल छनक ही जाने दो
कह दो सिर्फ एक बार ये अल्फाज
कि ' मुझे तुम से प्यार है '
बस नहीं है सिर्फ उधर ही ये आग लगी
तेरी ये तस्वीर है बेशक करारे जिन्दगी
तेरे ही रहमत पे है मेरा इश्त्हारे जिन्दगी
दौर में सागर रहे गर्दिस में पैमाना रहे
हम तेरे प्यार में हरदम दीवाना रहें
न मिटेगी ये आरजू सनम
जब तक जिंदा हैं हम !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 26-07-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
लब पे आ गयी है बात जो
उसे ओठों से निकल ही जाने दो
घटा जब छा ही गयी है
तो उसे बरस ही जाने दो
बागों में बहार आ ही गयी है जो
तो बागों को महक लुटाने ही दो
चटख उठी हैं ये शोख कलियाँ
तो भौंरे को रस चूस ले ही जाने दो
उठ गयी है जो तूफान सागर में
तो किनारे को बहा ले जाने ही दो
कोयल कूक उठी है तो
पायल छनक ही जाने दो
कह दो सिर्फ एक बार ये अल्फाज
कि ' मुझे तुम से प्यार है '
बस नहीं है सिर्फ उधर ही ये आग लगी
तेरी ये तस्वीर है बेशक करारे जिन्दगी
तेरे ही रहमत पे है मेरा इश्त्हारे जिन्दगी
दौर में सागर रहे गर्दिस में पैमाना रहे
हम तेरे प्यार में हरदम दीवाना रहें
न मिटेगी ये आरजू सनम
जब तक जिंदा हैं हम !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 26-07-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
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