भगवती - गीत
जय अम्बे जय अम्बे जय अम्बे
नूतन सघन सजल नीरद छवि
शंकर नाम लेवैया
योगिनी कोटि अनेक डाकिनी
नाचे ता ता थैया !
जय अम्बे जय अम्बे जय अम्बे
मुण्डमाल सिर व्याल विराजित
वसन बघम्बर राजै
कर खप्पड़ धरि किञ्जल सितयुत
कटि किंकिणी घन बाजै
जय अम्बे जय अम्बे जय अम्बे
शम्भूशरण शमसान निवासिनी
सब आसन सुख दैया
डिमिक डिमिक डिम डमरू बाजै
नाचे ता ता थैया
जय अम्बे जय अम्बे जय अम्बे
शिवशनकादि आदिमुनि सेवित
शुम्भ निशुम्भ वधैया
शंकरदत्त कर विनती आरती
जय जय तारिणी मैया
जय अम्बे जय अम्बे जय अम्बे
चतुरानन स्तुति भजु कीन्हौ
निद्रा त्यजहूँ मुरारी
मधुकैटभ मायावश कीन्हौं
मारहुँ चक्र सुदर्शनधारी
जय अम्बे जय अम्बे जय अम्बे
समरहिं शुम्भ निशुम्भहिं मारो
जगत कियो शुभकारी
सिंहवाहन देवी खड्ग विराजित
महिषासुर संहारी
जय अम्बे जय अम्बे जय अम्बे
अति विस्तार बदन है तेरो
जिहवा लेल पसारी
रक्तबीज को घात कियो है
चण्ड मुण्ड को मारी
जय अम्बे जय अम्बे जय अम्बे
परम सुन्दर रूप धरो है
त्रिभुवन मोहनकारी
परम ज्योति कल्याणकारिणी
संतन के उबारी
जय अम्बे जय अम्बे जय अम्बे
चन्द्रभाल करताल किंकिणी
पग नूपुर झंकारी
चहुँदिशि नाचे अनेक प्रेतगण
नाचे जय - जय काली
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