श्रीराधा
देख - देख राधा रूप अपार !
अपरुबके बिहिं आनि मेराऔल खिति तल लावनिसार !!
अंगहि अंग अनंग मुरछाएल हेरए पड़ए अधीर !
मनमथ कोटि मथन करू जे जन से हेरि महिमधि गोर !!
कत - कत लखमि चरण तल नेओछए रंगिनि हेरि विभोरि !
करू अभिलाष मनहि पद पंकज अहनिसि कोर अगोरि !!
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