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दूरी !
हाँ बहुत थी
इंतजारी !
हाँ बहुतों को थी
हर को इंतजारी
केवल खुदगर्जी की थी
एक का इंतजार
और भी था
जो तेरा सर्वेश्वर था
इंतजार को मिला है
बस इंतजार
इंतजार
शायद मेरे शहादत तक
सामने आने पर भी
है तेरा इंतजार
पीपल के
पत्रविहीन डाली
सुना रही है
अपनी कहानी
इंतजार
हाँ उसे भी है इंतजार
शायद अपनों का बस है इंतजार
बड़ा ही निश्वार्थ इंतजार बस इंतजार !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 21-01-1984
चित्र गूगल के सौजन्य से
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