204 . मेरे दिल में तेरा ही अक्श उभरता है
204 .
मेरे दिल में तेरा ही अक्श उभरता है
जुबाँ पे भी बस एक तेरा ही नाम रहता है
ख्वाबों में भी बस तेरा ही ख्याल रहता है
शायद कई जन्मों से
तेरे साथ मेरा नाम जुड़ा है
सत्य इतना
जितना पृथ्वी के साथ
सूर्य का अस्तित्व जुड़ा है !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' 31-03-1980
चित्र गूगल के सौजन्य से
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