शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017

690 . तुअ पद कमल सतत हम पूजब कयल अछि मन अभिलाषे


                                      ६९०
तुअ पद कमल सतत हम पूजब कयल अछि मन अभिलाषे।  
करहु कृपा दाया करू जननी मम गृह करहु निवासे।।
हम अति विकल विषय मे पड़लहुँ तारिणि अहिँक भरोसे। 
परम मगन भै पुरहु मनोरथ शिव संग करिय निवासे।।
दुर्गादत्त पुत्र अहिंक प्रिय जननी तारिणि अहिंक अछि आसे।।
                  दुर्गादत्त सिंह ( मैथिल भक्त प्रकाश ) 

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