शनिवार, 25 फ़रवरी 2017

691 . जय जय जय वर दिअ हे गोसाउनि तारिणि त्रिभुवन देवी।


                                     ६९१
जय जय जय वर दिअ हे गोसाउनि तारिणि त्रिभुवन देवी।  
सिंह चढ़ल मैया फ़िरथि गोसाउनि अतिबल भगवति चंडी।।
कट कट कट मैया दन्त सबद कएल गट गट गिड़लनि काँचे। 
घट घट कय मैया शोणित पीलनि मातल योगिनि साथे।।
दुर्गादत्त पुत्र अहिंक थिक जननी एकहु असुर नहि बाँचे।।
                              ( मिथिला संस्कार गीत )

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