गुरुवार, 1 मार्च 2012

37. ' तुमने ' मिलकर ' हम ' को बनाया है


37-

' तुमने ' मिलकर ' हम ' को बनाया है 
तुमने ही सिंहासन बनाया है 
जैसे तुम थे वैसे ही सत्ता नायक बनाया है 
अब तुम घबराते हो 
अपने ही निर्मित 
हाथों के घरौंदों से 
उन्हें चाहते हो बदलना 
बदलाव शुरू करो अपने से 
मत भूलो यह 
राज तंत्र में होता था यथा राजा तथा प्रजा
प्रजातंत्र में होता है यथा प्रजा तथा राजा 
अब जो चाहते हो परिवर्तन 
 लावो परिवर्तन अपने में 
सिद्धांतों और आदर्शों को रतो मत 
बनावो वह व्यवहार अपने में 
चाहते हो नैतिकवान चरित्रवान राजनेता 
बनाओ नैतिकवान चरित्रवान पहले अपना बेटा !

सुधीर कुमार ' सवेरा '           05-11-1983 

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