40-
सच कह के जमाने को
अपना मजाक उड़ाया है
रास्ता सही बता के जमाने को
अपना ही आशिंयान जलाया है
मान जमाने को दे के
अपना बहुत अपमान कराया है
सहिष्णुता इतनी अधिक
चाहिए भी नहीं थी होनी
विवेक जमाने को देनी न थी इतनी
की कह ऐसा
जमाने ने मुझपे ही ढ।या है
जमाने का रखते - रखते इज्जत
इज्जत अपना ही धुलवाया है
खुद के हाथ को
जो न थी उठने की आदत
मौका जमाने को हाथ उठाने का दिया है
चुप रख - रख कर खुद को
जमाने को बोलने का मौका दिया है
झूठ - बोल बोल कर जमाने ने
सच पे ऐसा मुलम्मा चढ़ाया है
की सच को छुपने के लिए
मुखरा मेरा ही मिला है !
सुधीर कुमार ' 'सवेरा 09-12-1983
सच कह के जमाने को
अपना मजाक उड़ाया है
रास्ता सही बता के जमाने को
अपना ही आशिंयान जलाया है
मान जमाने को दे के
अपना बहुत अपमान कराया है
सहिष्णुता इतनी अधिक
चाहिए भी नहीं थी होनी
विवेक जमाने को देनी न थी इतनी
की कह ऐसा
जमाने ने मुझपे ही ढ।या है
जमाने का रखते - रखते इज्जत
इज्जत अपना ही धुलवाया है
खुद के हाथ को
जो न थी उठने की आदत
मौका जमाने को हाथ उठाने का दिया है
चुप रख - रख कर खुद को
जमाने को बोलने का मौका दिया है
झूठ - बोल बोल कर जमाने ने
सच पे ऐसा मुलम्मा चढ़ाया है
की सच को छुपने के लिए
मुखरा मेरा ही मिला है !
सुधीर कुमार ' 'सवेरा 09-12-1983
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें