४८.
बादलों की दो परतें
आकाश में तैर रहे
छन - छन कर कभी
धरती पर धुप खिल रहे
दोनों बादलों की दिशाएँ दो हैं
एक अन्ध्कार्युक्त
एक प्रकाशलिप्त रहे
संक्रमण काल होता है
कठिनायों से आच्छादित
सूर्य का ही जब ये छल है
तो पूर्वी दिशा के
सूर्यवंशी का हाल क्या होगा ?
छित - पुट प्रकाश की किरणे
अपने स्वर्णिम रश्मि से
आशाओं का एक दीप जला जाती है !
आशाओं का एक दीप जला जाती है !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' १५-०१-१९८४
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