२७६.
कहे अदरख
मैं हूँ एक
करूँ ठीक रोग अनेक
हो अरुचि , पेट में वायु या अपच
और मुख स्वाद हो या कब्ज
विधि -
एक चम्मच अदरख का रस
एक चम्मच निम्बू का रस
खायें नित्य
हर दिन तीन बार
हो बुखार खांसी या जुकाम
या जाये जो कभी गला बैठ
एक चम्मच अदरख का रस
एक चम्मच शहद मिलाकर
लें चार - चार घंटे बाद
करें दूर उपर्युक्त व्याधि
गर जो हो रही हो हिचकी
चूसें काटकर अदरख थोड़ी
गर जो हो रहा हो दस्त
कर रहा हो आपको पस्त
है यह इलाज बेहद ही सस्ता
आधा गिलास गरम पानी उबालकर
पी जाएँ दो तीन बार
एक चम्मच अदरख का रस डाल कर
कान दर्द जो हो जाये
किसी कारण से
अदरख का रस छानकर
दो - दो बूंद कान में डालें
हल्का - हल्का गर्म कर
वायु दर्द गर जो हो
साइटिका , घुटने कमर व जांघों में
एक चम्मच अदरख के रस में
आधा चम्मच घी मिलाकर
सुबह शाम सेवन करें
कहे कविराज
गुण ये अदरख के जानिए
सत्य जान
इसे व्यवहार में लाइए !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' २७ - ०४ - १९८४
१२ - १० pm कोलकाता
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