शनिवार, 7 मार्च 2015

411 . धन्य युवक देश के तूँ धन्य है

४११ 
धन्य युवक देश के तूँ धन्य है 
तुझको मेरा आज शत शत नमन है 
कर प्रयत्न अनेकों 
जब डिग्री मिली तुझको 
थका हारा शेर तूँ तब दिखा मुझको 
समय से छः आठ वर्ष पूर्व ही 
पिता की हुई रिटायरगी 
बहन की शादी का बोझ भी 
जब तेरे कंधों पे आ पड़ा ही 
तूँ धैर्य की प्रतिमा बन 
बेरोजगारी में यूँ 
चुप चाप ही सब कुछ सहता रहा 
धन्य युवक देश के तूँ धन्य है 
तुझको मेरा शत - शत नमन है !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

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