427 .वे करते मुझसे प्रेम
४२७
वे करते मुझसे प्रेम
फुर्सत के क्षणों में
वे करते मुझको याद
पतझर के मौसम में
मिलते हैं वो मुझसे
समस्याओं के तूफान लिए
बिछुड़ते हैं वो मुझसे
सावन की अँधेरी रात लिए
वो कहते हैं आई लव यू
मैं कहता हूँ लबरा है तूँ !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
०७ - ०८ - १९८६
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