502 . यह तन मेरा नहीं
५०२
यह तन मेरा नहीं
मैं परमानन्द नहीं
जन्म मरण के चक्कर में
पीसने वाला हूँ क्या ?
मैं अनंत परमात्मा नहीं
अमीर या गरीब नहीं
सफल या विफल नहीं
ऊंच या नीच नहीं
जो मरते वो मैं नहीं
तेरी ही प्रतिभासित छाया
अजर अमर मैं आत्मा हूँ !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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