ADHURI KAVITA SMRITI
शुक्रवार, 19 जून 2015
503 . सम्पूर्ण जगत माँ मय है
५०३
सम्पूर्ण जगत माँ मय है
मेरा अपना इसमें क्या ?
आकाश पृथ्वी सबमे तूँ
मुझको किसीसे लेना क्या ?
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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