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अतिशय विश्वास
जन्मदाता शंसय का
विचारों का प्रतिरोध
अधिकार जन्मदाता
हक़ के बोध का
लगा लेना
अर्थ विपरीत
मानव के
बुद्धि गर्व का
है एक विकार
पल में
कुछ भी
हो सकता है धूल धूसरित
एक शंका की चोट
डंके को भी देती है फोड़
समय देता है बदल
अर्थ बदनसीबों का
ज्ञान रह जाता धरा पड़ा
नसीब चुना लगा जाता
ऐसा जब आभास होता हो
मुर्दों की नगरी में हम घूम रहे
खुद को जानने का
सही वक्त उसे ही समझें
श्री हीन हो
श्री कहलाना
श्री देवी का सरासर अपमान है !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' १२ - १० - १९८४
१ - ०० pm
अतिशय विश्वास
जन्मदाता शंसय का
विचारों का प्रतिरोध
अधिकार जन्मदाता
हक़ के बोध का
लगा लेना
अर्थ विपरीत
मानव के
बुद्धि गर्व का
है एक विकार
पल में
कुछ भी
हो सकता है धूल धूसरित
एक शंका की चोट
डंके को भी देती है फोड़
समय देता है बदल
अर्थ बदनसीबों का
ज्ञान रह जाता धरा पड़ा
नसीब चुना लगा जाता
ऐसा जब आभास होता हो
मुर्दों की नगरी में हम घूम रहे
खुद को जानने का
सही वक्त उसे ही समझें
श्री हीन हो
श्री कहलाना
श्री देवी का सरासर अपमान है !
सुधीर कुमार ' सवेरा ' १२ - १० - १९८४
१ - ०० pm
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