ADHURI KAVITA SMRITI
रविवार, 3 मई 2015
467 . परमाणु के केंद्र में
४६७
परमाणु के केंद्र में
विश्व विखण्डनी महाशक्ति
जल बिंदु में है
महती शीतलता भरती
जानते नहीं खुद को जब तक
क्षुद्र हैं , मानते क्षुद्र जब तक
जानने का नाम है
हम चैतन्य अनंत तक !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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