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दोष ?
किसको दें ?
किससे कहें ?
किसमें देखें ?
किसका छुपाएँ ?
अपने से पीछे का
हम देखा नहीं करते
जो आगे हैं
उसमे ही ढूंढा करते
उससे ईर्ष्या करते
मन ही मन कुढ़ते और जलते
फिर एक दोष और कर बैठते
निंदा उसकी शुरू कर देते
खुद से खुद को हरा देते
उसको जीत दिला देते
करते ही निंदा उसकी
उसे हम खुद से बड़ा
स्वीकार कर लेते !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
दोष ?
किसको दें ?
किससे कहें ?
किसमें देखें ?
किसका छुपाएँ ?
अपने से पीछे का
हम देखा नहीं करते
जो आगे हैं
उसमे ही ढूंढा करते
उससे ईर्ष्या करते
मन ही मन कुढ़ते और जलते
फिर एक दोष और कर बैठते
निंदा उसकी शुरू कर देते
खुद से खुद को हरा देते
उसको जीत दिला देते
करते ही निंदा उसकी
उसे हम खुद से बड़ा
स्वीकार कर लेते !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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