शुक्रवार, 1 मई 2015

465 . मिलते जब लोगों से

४६५ 
मिलते जब लोगों से 
तो रखो इतना ध्यान 
या गुण गाओ संत का 
या ईश्वर का गुणगान 
पर की निंदा भारी पाप 
मत भरो मन में 
औरों की विष्ठा आप !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

कोई टिप्पणी नहीं: