ADHURI KAVITA SMRITI
गुरुवार, 30 अप्रैल 2015
464 . बकरी बोली मैं मैं मैं
४६४
बकरी बोली मैं मैं मैं
बाँधी जिसके कारण है जाती
मैना बोली मैं ना मैं ना मैं ना
होती स्वतंत्र निज नभ में चरती
बुद्धि का है यह फर्क
मैं में मैं हूँ नहीं
मैं ना में वह मैं है !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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