गुस्ताखी माफ़
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४३०
है मेरे भी दुनियां से अच्छी और भी दुनियाँ
कहते हैं कि मेरी दुनियाँ का है अंदाजे ख्याल और !
या खुदा जो न समझे अब समझेंगे वो मुझको कब
दे और तक़दीर उनको जो न दे मुझको बदनसीबी और !
देखने के तुम्ही गमगीन नहीं हो सवेरा
कहते हैं बहुत ग़मख़ार हैं ज़माने में और !
कतरा - कतरा बर्फ का दरिया में फ़ना हो जाना
दर्द का बेदर्द होना है क्या दवा हो जाना
असर आह के लिए चाहिए एक उम्र लम्बी
कौन है यहाँ जीता फ़ना होने तक तेरी
मेरी मय्यत में शामिल न होंगे ऐसी तो बात नहीं
पर हम तो मिट जायेंगे और तुझे खबर तक न होगी !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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है मेरे भी दुनियां से अच्छी और भी दुनियाँ
कहते हैं कि मेरी दुनियाँ का है अंदाजे ख्याल और !
या खुदा जो न समझे अब समझेंगे वो मुझको कब
दे और तक़दीर उनको जो न दे मुझको बदनसीबी और !
देखने के तुम्ही गमगीन नहीं हो सवेरा
कहते हैं बहुत ग़मख़ार हैं ज़माने में और !
कतरा - कतरा बर्फ का दरिया में फ़ना हो जाना
दर्द का बेदर्द होना है क्या दवा हो जाना
असर आह के लिए चाहिए एक उम्र लम्बी
कौन है यहाँ जीता फ़ना होने तक तेरी
मेरी मय्यत में शामिल न होंगे ऐसी तो बात नहीं
पर हम तो मिट जायेंगे और तुझे खबर तक न होगी !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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