ADHURI KAVITA SMRITI
शनिवार, 18 अप्रैल 2015
450 . किस दौलत के बल ?
४५०
किस दौलत के बल ?
पक्षी उपवन में चहकते
किस अभिमान वश भला
बागों में हँसते हैं फूल
रोते हो तुम किसको हेतु बना ?
भला इसमें बता भूल किसका हुआ !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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