४३८ पैदा लिए वृथा क्या ? सोया खोया खूब पढ़े - बढे लड़े झगड़े कटे मरे अपनों में मानव का इतिहास हाय यही बन गया क्या ? एक औषधि लिया संतोष पाया सह लिया कम नहीं जो इतना किया कष्ट में विपत्ति में धैर्य रख हँसता रहा तभी तो गौरव इतना पाया ! सुधीर कुमार ' सवेरा '
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