435 . यह तन मेरा नहीं
४३५
यह तन मेरा नहीं
मैं परमानन्द ब्रह्म नहीं
जन्म मरण के चक्कर में
पीसने वाला हूँ क्या ?
मैं परमसत्ता नहीं
दिक्क काल से बाधित नहीं
अमीर या गरीब नहीं
ऊँच नहीं मैं नीच नहीं
मरते जो वो मैं नहीं
तेरी ही प्रतिभाषित छाया
अजर अमर मैं आत्मा हूँ !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
२४ - १२ - १९८६
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