( परम पूज्य अम्मा और बाबूजी )
४६३
देकर यदि किसी को कुछ तुम
कहते हो हमने दान दिया
दान नहीं वह अहंकार किया
फल में , उसका प्रसाद ग्रहण किया
तभी समझो तुमने दान दिया
धन है एक अर्थ अनेक
देता दान , कीर्ति , गुणगान भी
देता भोग , साज सम्मान भी
देता गौरव पद , उपकार भी
देता स्वर्ग - नरक का द्वार भी
देता त्याग , पुण्य - उपहार भी
कुछ उपकार करो स्व कल्याण करो
भोग में पर मत भाग्य बिगाड़ो
बन मालिक धन को नौकर बनाओ !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
४६३
देकर यदि किसी को कुछ तुम
कहते हो हमने दान दिया
दान नहीं वह अहंकार किया
फल में , उसका प्रसाद ग्रहण किया
तभी समझो तुमने दान दिया
धन है एक अर्थ अनेक
देता दान , कीर्ति , गुणगान भी
देता भोग , साज सम्मान भी
देता गौरव पद , उपकार भी
देता स्वर्ग - नरक का द्वार भी
देता त्याग , पुण्य - उपहार भी
कुछ उपकार करो स्व कल्याण करो
भोग में पर मत भाग्य बिगाड़ो
बन मालिक धन को नौकर बनाओ !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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