446 . पूछा एक रोज मैंने शैतान से
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पूछा एक रोज मैंने शैतान से
पाते क्या हो तुम इंसान से
क्यों देते हो लोगों को पतन
पाते हो भला कैसे उनका तन
शैतान बोला प्रसन्न मन
त्याग , परोपकार , अच्छाई में
लगता नहीं जिनका मन
करते जब वो मेरा आवाहन
खुश हो जाते पाकर झूठा आश्वासन
तभी तो पा जाता मैं उनका तन !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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