ADHURI KAVITA SMRITI
शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015
431 . चलो जां ऐसी जगह जहाँ सिर्फ हम
४३१
चलो जां ऐसी जगह जहाँ सिर्फ हम
और हमारी तन्हाई हो
न कोई शिकवा न गिला
बस प्यार की जहाँ हवा हो !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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