ADHURI KAVITA SMRITI
बुधवार, 6 मई 2015
469 . है हम पे उपकार उसका
४६९
है हम पे उपकार उसका
जो हमारा अपकार निंदा करता
भोग तो है मेरे भाग्य का
अहसान उसका मेरा अशुभ बाँटता !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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