सोमवार, 4 मई 2015

468 . महत्व नहीं इसका


४६८ 
महत्व नहीं इसका 
अब तक क्या किया 
योजनाएं हैं क्या ?
व्यर्थ बकवाद भरा  
महत्व इसमें है 
मैं कर रहा क्या 
सावधानी उत्कंठा 
है कितना भरा हुआ !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

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