शनिवार, 9 मई 2015

473 . कँपाते थे जगत को जो

४७३ 
कँपाते थे जगत को जो 
कीर्ति पताका जिनका था नभ पर 
नाम बस शेष बचा है उनका 
निशान नहीं कहीं उनकी समाधी का !

सुधीर कुमार ' सवेरा '

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