ADHURI KAVITA SMRITI
गुरुवार, 14 मई 2015
481 . माँ के चरणों को त्याग कर
४८१
माँ के चरणों को त्याग कर
चिल्लाते रह जाओगे काम - काम
भटकते रह जाओगे भव सागर में
पर मिल न पायेगा विश्राम !
सुधीर कुमार ' सवेरा '
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